‘भारत जाना है तो करो खालिस्तान से किनारा, कहो- भारत की करता हूँ इज्जत’: कनाडा के GlobalNEWS ने छापा, बूढ़े माँ-बाप के नाम पर भी रहम की भीख नहीं

भारत कनाडा के सिखों को वीजा देने के बदले उनसे खालिस्तान से किनारा करने को कहता है। यह दावा ग्लोबल न्यूज की रिपोर्ट में किया गया है।

Dec 15, 2024 - 21:46
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‘भारत जाना है तो करो खालिस्तान से किनारा, कहो- भारत की करता हूँ इज्जत’: कनाडा के GlobalNEWS ने छापा, बूढ़े माँ-बाप के नाम पर भी रहम की भीख नहीं
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भारत कनाडा के सिखों को वीजा देने के बदले उनसे खालिस्तान से किनारा करने को कहता है। खालिस्तान समर्थक सिखों से कहा जाता है कि वह एक ऐसे कागज पर हस्ताक्षर करें जिसमें भारत की एकता और अखंडता का पूर्ण समर्थन किया गया हो। ऐसा ना करने वाले सिखों को बड़ी समस्याओं पर भी भारत आने का वीजा नहीं दिया जाता। यह सभी दावे कनाडा के ग्लोबल न्यूज ने एक रिपोर्ट में किए हैं। ग्लोबल न्यूज की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले वीजा को मना कर दिया जाता है और फिर इस पत्र पर हस्ताक्षर करने को मजबूर किया जाता है।

क्या कहा ग्लोबल न्यूज ने?

कनाडा के ग्लोबल न्यूज ने ‘तहकीकात: वीजा बन गए हैं भारत के विदेशी दखल का हथियार’ नाम की एक रिपोर्ट मंगलवार (10 दिसम्बर, 2024) को छापी है। इस रिपोर्ट को स्टीवर्ट बेल और जेफ़ सेम्पल ने तैयार किया है। इसमें एक कनाडाई सिख के हवाले से बताया गया है कि कैसे 2016 में जब उसने भारत आने के लिए वीजा की माँग की तो पहले उसे मना कर दिया गया और फिर एक पत्र पर हस्ताक्षर करने को कहा गया जिसमें खालिस्तान का विरोध करने की बात थी।

ग्लोबल न्यूज की रिपोर्ट में बिक्रमजीत सिंह संधर का जिक्र है। संधर कथित तौर पर 2016 में भारत आना चाहता था। यहाँ उसे अपने बूढ़े और बीमा दादा को देखना था तथा साथ ही में एक पारिवारिक समारोह में शामिल होना था। संधर ने ग्लोबल न्यूज को दिए इंटरव्यू में दावा किया कि उसका वीजा कनाडा में स्थित भारत के दूतावास ने उसे वीजा देने से मना कर दिया। संधर के दावे के अनुसार, भारतीय दूतावास ने उसका वीजा इसलिए रोका क्योंकि वह एक गुरूद्वारे का मुखिया रहने के दौरान खालिस्तान की वकालत करता था।

संधर, जिन्होंने ग्लोबल न्यूज में वीजा सम्बन्धी आरोप लगाए हैं (फोटो साभार: Global News)

संधर उसी सरे के गुरूद्वारे का मुखिया था जहाँ 2023 में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर को मार दिया गया था। संधर ने दावा किया कि वीजा को मना किए जाने के बाद उनको एक कागज दिया गया, जिसमें भारत को महान और लोकतांत्रिक देश बताया गया था। उनसे इस कागज पर हस्ताक्षर करने को कहा गया था। संधर ने दावा किया कि इस पत्र में उनको इस बात की घोषणा भी करनी थी कि कि वह खालिस्तान का समर्थन नहीं करते हैं तथा भारत की एकता था संप्रुभता का पूरा सम्मान करते हैं।

ग्लोबल न्यूज की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय दूतावास के अधिकारी लगातार कई लोगों से ऐसे ही कागजों पर हस्ताक्षर करने को कहते हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया कि यह वीजा इसलिए अस्वीकार किए जाते हैं क्योंकि भारत को खालिस्तान समर्थक सिखों के बयान पसंद नहीं आते। दावा किया गया है कि भारतीय दूतावास सिख समुदाय के प्रभावशाली लोगों को इस कागज पर हस्ताक्षर जरूर करने को कहता है क्योंकि उनकी बात बाकी सिख सुनते हैं।

‘पहले वीजा को मना करते हैं, फिर किसी से मिलवाते हैं’

ग्लोबल न्यूज की रिपोर्ट में दावा है कि वीजा अस्वीकार किए जाने के कुछ दिन बाद बाद इन सिखों या कनाडाई नागरिकों को कुछ ऐसे लोगों से सम्पर्क करने को कहा जाता है, जो भारत समर्थक माने जाते हैं। संधर ने दावा किया कि वीजा को लेकर मना किए जाने के कुछ दिन बाद उन्हें मनप्रीत सिंह गिल नाम के एक शख्स से मिलने को कहा गया था। मनप्रीत गिल भी उसी इलाके के निवासी हैं जहाँ सरे गुरुद्वारा है। संधर ने कहा कि गिल ने उनसे एक कागज पर हस्ताक्षर की बात कही थी।

मनप्रीत गिल ‘इंडिया रेडियो’ नाम से एक रेडियो चैनल चलाते हैं और भारत के पक्ष में विचार रखते हैं। मनप्रीत सिंह गिल ‘फ्रेंड्स ऑफ़ कनाडा एंड इंडियन फाउंडेशन’ नाम से एक संगठन भू चलाते हैं, जो भारत और कनाडा के रिश्ते मजबूत करने के लिए प्रयास करता है। गिल ने सिखों को वीजा के मामले में मदद करने की बात स्वीकारी है। गिल ने कहा कि उनके भारत के साथ अच्छे रिश्ते हैं और यह कोई अपराध नहीं है। गिल ने ट्रूडो पर भारत के साथ रिश्तों को रसातल में ले जाने के आरोप भी जड़े हैं।

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वीजा में मदद करने वाले मनप्रीत गिल (फोटो साभार: Global News)

गिल ने कहा,” मेरे दरवाजे सबके लिए खुले हैं। लोग मेरे पास मदद मांगने आते हैं, कभी-कभी किसी का भारत में कोई रिश्तेदार मर रहा होता है, किसी का शोषण किया जा रहा होता है क्योंकि उनके पास भारत जाने के लिए पूरे कागज नहीं होते… मैं उनको सलाह देता हूँ, उन्हें जानकारी देता हूँ। मैंने कभी इस बात से मना नहीं किया कि मेरे भारतीय दूतावास के साथ अच्छे संबंध हैं।”

पत्र में क्या लिखा?

जिस कागज पर हस्ताक्षर करवाने के दावे ग्लोबल न्यूज ने किए हैं, उसका एक नमूना भी अपनी खबर में पेश किया है। इस कागज पर लिखा, “मैं कभी किसी अपराध में शामिल नहीं रहा या मुझ पर कोई आरोप नहीं लगा है… मैंने अपनी मातृभूमि के खिलाफ कोई गलत काम नहीं किया है। मेरे मन में हमेशा भारत और उसके नागरिकों के लिए सम्मान और स्नेह रहा है। मैंने कभी भी खालिस्तान या भारत के खिलाफ किसी अन्य आंदोलन का समर्थन नहीं किया है।”

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वह कथित पत्र, जिसे हस्ताक्षर करने को कहा जाता है (साभार: Global news)

इस पत्र में लिखा है, “मेरा विश्वास है कि भारत एक महान संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य है और मैं उन आदर्शों का सम्मान करता हूँ जिन पर भारतीय संविधान आधारित है। हालाँकि, मैं कनाडा में रहता हूँ, फिर भी मैं भारत से प्यार करता हूँ। मैं भारत की संप्रभुता और अखंडता में दृढ़ विश्वास रखता हूँ। मैं यह घोषणा करता हूँ कि यह सच है और यह जानते हुए कि ये कनाडा के कानून के अंतर्गत भी आता है।”

सही है भारत का यह कदम

ग्लोबल न्यूज का कहना है कि भारत खालिस्तान समर्थकों को वीजा ना देकर गलत कर रहा है। उन्होंने इसे ‘विदेशी हस्तक्षेप’ करार दिया है। भारत ने इस संबंध में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है। भारत संभवतः ऐसे काम करता भी नहीं है। हालाँकि, कोई भी देश उनको वीजा नहीं देता, जो उसकी संप्रभुता को खत्म करने पर तुले हों और उसके टुकड़े करना चाहते हों। खालिस्तानी लगातार कनाडा या बाकी देशों में बैठ कर भारत में हिंसा भड़काने और इसे तोड़ने की साजिश रचते आए हैं। ऐसे में उन तत्वों को वीजा दिया ही नहीं जा सकता, जो ऐसी बातें करते हों।

सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि हर देश किसी भी व्यक्ति को वीजा देने से पहले उसकी पृष्ठभूमि जाँचता है। जिस प्रकार कनाडा या अमेरिका में 9/11 हमले के आतंकियों या उसका समर्थन करने वालों को वीजा नहीं दिया जाएगा, उसी तरह भारत को भी इस बात का पूरा हक़ है कि वह यहाँ देश तोड़ने वालों को अपनी सीमा के भीतर ना घुसने दे। गौरतलब है कि कनाडा लगातार खालिस्तानी आतंकियों को प्रश्रय देता है। यह खालिस्तानी आतंकी भारतीय दूतावास को निशाना बनाते हैं और मंदिरों पर तक हमला करते हैं।

भारत और कनाडा के बीच लगातार बीते कुछ समय से रिश्ते ठीक नहीं है। यह रिश्ते कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आतंकियों के समर्थन में भारत पर आरोप लगाने के बाद बिगड़े हैं। भारत ने बीते कुछ दिन पहले कनाडा के 6 राजनयिकों को भी बाहर कर दिया था। भारत ने आरोप लगाया था कि जस्टिन ट्रूदो अपने राजनीतिक फायदे के लिए दोनों देशों के रिश्तों में दरार डाल रहे हैं। भारत ने अपने हाई कमिश्नर संजय वर्मा को भी वापस बुला लिया था।

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