‘भगवान के दर्शन करने आते हैं श्रद्धालु, CM-मंत्रियों की चेहरे देखने नहीं’, केरल हाई कोर्ट ने मंदिरों से वामपंथी सरकार के नेताओं के बैनर हटाने का दिया आदेश
केरल हाई कोर्ट ने TDB को मंदिर प्रांगण में नेताओं को बधाई देने वाले पोस्टर-बैनर लगाने पर कड़ी फटकार लगाई है। हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है।
केरल हाई कोर्ट ने त्रावणकोर देवस्थानम बोर्ड(TDB) को मंदिर प्रांगण में मुख्यमंत्री, मंत्री या नेताओं के पोस्टर-बैनर लगाने पर कड़ी फटकार लगाई है। हाई कोर्ट ने कहा है कि TDB अपने आप को मंदिरों का मालिक ना समझे। कोर्ट ने कहा कि मंदिरों में श्रद्धालु भगवान के दर्शन करने आते हैं ना कि मुख्यमंत्री या मंत्रियों के चेहरे देखने। कोर्ट ने ऐसे बैनर-होर्डिंग तुरंत हटाने को कहा है।
केरल हाई कोर्ट की जस्टिस अनिल के नरेन्द्रन और जस्टिस मुरली कृष्णा एस की बेंच ने एक स्वतः संज्ञान वाले मामले में मंगलवार (10 दिसम्बर, 2024) को सुनवाई करते हुए यह टिप्पणियाँ की। यह मामला केरल के अलप्पुझा जिले से जुड़ा हुआ था। यहाँ एक सबरीमला देवस्थान में एक फ्लेक्स बैनर लगाया गया था।
इस बैनर में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, देवासम मामलों के मंत्री, स्थानीय विधायक और मंदिर के बोर्ड के सदस्य की तस्वीरें थी। इसको लेकर एक शिकायत भी की गई थी। इस पोस्टर में वामपंथी सरकार को इस बात की बधाई दी गई थी कि उसने सबरीमला के भक्तों के लिए अन्नदानम की अनुमति दी है। इसकी अनुमति वर्तमान वर्ष के सबरीमला यात्रा आयोजन को लेकर दी गई थी। यह बैनर थूरावूर मंदिर प्रांगण के भीतर लगाया गया था।
हाई कोर्ट ने इसको लेकर कहा, “इस तरह की गतिवधियों की अनुमति नहीं दी जा सकती। आप (TDB) इस मुगालते में मत रहे कि वह मंदिरों के मालिक हैं। बोर्ड सिर्फ उनके न्यासी (ट्रस्टी) हैं और मंदिरों का प्रबन्धन करते हैं… मंदिर में श्रद्धालु भगवान का दर्शन करने आते हैं ना कि मुख्यमंत्रियों या मंत्रियों का चेहरा देखने।”
हाई कोर्ट ने कहा कि ऐसे बैनर-पोस्टर TDB के पैसे से नहीं लगाए जाने चाहिए क्योंकि ये उसके अधिकार क्षेत्र का मामला नहीं हैं। हाई कोर्ट ने मंदिर में बैनर पोस्टर लगाने पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने TDB को यह भी आदेश दिया कि वह इस देवस्थानम में श्रद्धालुओं के लिए अच्छी व्यवस्थाएँ करे ताकि उन्हें समस्या ना हो।
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